शुक्रवार, 20 अप्रैल 2012

न्याय के अलग मानदंड

गुजरात सरकार सात साल से लोकायुक्त की नियुक्ति
 नहीं कर रही थी. महामहिम राज्यपाल कमला बेनीवाल
 ने अपनी संवैधानिक  जिम्मेदारी का पालन करते हुए
लोकायुक्त के पद पर सेवा-निवृत्त न्यायमूर्ति ए. आर.
महेता की नियुक्त की, जिसे गुजरात हाइकोर्ट ने भी
समर्थन दिया
हिन्दु राष्ट्र की स्थापना के लिए संसदीय लोकशाही का
इस्तेमाल करने की विचारधारा से लैस राष्ट्रीय  स्वयं
सेवक संघ के प्रचारक के इशारे पर पूरे अहमदाबाद
शहर में दीवारों पर राजभवन या कांग्रेस भवन ऐसे
सूत्र लिखकर राज्यपाल के ओहदे की सरासर मज़ाक
उडाई गई और राज्यपाल की तौहीन की गई
यह सारे फोटो अहमदाबाद के पोलीस स्टेडीयम के सामनेवाली
दीवार पर लिखे गए है. राजभवन  या कांग्रेस भवन ऐसे स्लोगन
के साथ बीजेपी का निशान कमल अंकित किया गया है.
कुछ समय पहले राजकोट में वालजीभाई सोलंकी ने
मुख्यमंत्री के खिलाफ दीवार पर स्लोगन लिखा था. उनके
खिलाफ पुलीस ने एफआईआर दर्ज की थी. वालजीभाई
जब वह एफआईआर रद करवाने गुजरात हाइकोर्ट
में गए तब हाइकोर्ट ने ऐसा कहकर उनकी अर्जी खारीज़
कर दी कि राज्य के मुख्यमंत्री की गरीमा को लांछन
लगना नहीं चाहिए.

यहां राज्य का शासक पक्ष खुद अपने राजकीय स्वार्थ
की खातिर राज्यपाल के ओहदे की गरीमा का निलाम
कर रहा है, यह कितना उचित है
?

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