गुरुवार, 19 अप्रैल 2012

रीडल्स इन हिन्दुइज़म के हिन्दी अनुवाद में जानबूझकर की गई गलतियां

कहीं बाबासाहब की प्रतिमा को कोई जूते का हार पहेनाता है तो हम भडक उठते है. सडकों पर आ जाते हैं, मरने मारने पर उतारु हो जाते हैं. यहां एक बेमिशाल, ऐतिहासिक किताब का पूरा हार्द खत्म करने की साजिश रची गई और हम चूप बैठे है. यह कैसी अंबेडकर-भक्ति है?


महाराष्ट्र सरकार ने 1987 में प्रगट किया बाबासाहब का 
अंग्रेजी में वोल्युम, जिसने राम-कृष्ण की काल्पनिक कहानियों
का सत्य लोगों के सामने रखा


 बाबासाहब की किताबों का हिन्दी अनुवाद करने के लिए भारत सरकार
के कल्याण मंत्रालय ने बनाया डा. अम्बेडकर प्रतिष्ठान, जिसने 1995
में रीडल्स का हिन्दी संस्करण प्रगट किया. मंत्रालय के संयुक्त सचिव
गंगादास प्रतिष्ठान के सदस्य सचिव थे. प्रबंध संपादक थे कन्हैयालाल
चंचरीक. इस किताब के संपादक थे कैलाश चन्द्र सेठ और मोहनदास
नैमिशराय. अनुवादक थे सीताराम खोड़ावाल.
किताब का प्रवेश, जिसमें बाबासाहब बक्ले के ग्रंथ हिस्ट्री ऑफ
 सीवीलाइजेशन का उद्धरण लेते हैं, 
"इट इज़ एविडन्ट धेट अनटील
 डाउट बीगन प्रोग्रेस वोझ इम्पोसीबल.फोर एज़ वी हेव क्लीयरली सीन,
धी एडवान्स ऑफ सीवीलाइझेशन सोलली डीपेन्ड्ज ऑन धी
 एक्वीझीशन मेइड बाय धी ह्युमन इन्टेलेक्ट एन्ड ऑन धी एक्सटेन्ट
टु वीच धोझ एक्वीझीशन्स आर डीफ्युज्ड.........
"

अब इसका हिन्दी अनुवाद: "यह स्पष्ट है कि जब तक संदेह नहीं
उपजते, तब तक प्रगति असंभव है. हमने यह देखा है कि सभ्यता
मानव के आध्यात्मिक ज्ञान के योगदान पर निर्भर रही है और इस
बात पर आलम्बित है कि इस ज्ञान को कहां तक संचारित किया
गया है.
  अनुवादक ने ह्युमन इन्टेलेक्ट का अनुवाद मानव बुद्धि
करने के बजाय आध्यात्मिक ज्ञान किया है. ऐसी गलती जानबूझकर 

ही हो सकती है...

इट इज आस्क्ड हाउ धी वेदा केन कन्स्टीट्यूट प्रुफ ऑफ ड्युटी 
व्हेन इट कन्टेन्स सच इनकोहरन्ट नोनसेन्स एज़ धी फोलोवींग

एन ओल्ड ओक्स, इन ब्लेन्केट एन्ड स्लीपर्स, इज़ स्टेन्डींग एट

धी डोर एन्ड सींगींग बेनेडीक्शन. ए ब्राह्मन फीमेल, डीज़ाइरस

ऑफ ऑफस्प्रींग, आस्क्स, प्रे ओ कींग, वोट इज़ धी मीनींग ऑफ

इन्टरकोर्स ऑन धी डे ऑफ धी न्यु मुन ? ओर धी फोलोवींग,
धी काउ सेलीब्रेटेड धीस सेक्रीफाइस. 

अब इसका हिन्दी पढें: यह प्रश्न किया गया है कि कर्तव्यो
का साक्ष्य कैसे हो सकता है, जबकि उनमें ऐसी असंगत
और अनर्गल बातें भरी पडी है जैसे "कम्बल और खड़ाउ
पहने एक बूढा द्वार पर खडा है और आशीष के गीत
 गा रहा है. समर्पण को तत्पर एर ब्राह्मणी कहती है, 
हे राजन बता, प्रतिपदा के दिन संभोग के क्या अर्थ है
अथवा यह गऊओने इस बलि पर उत्सव मनाया. यहां
धी ब्राह्मीन फीमेल डीजाइरस ऑफ ऑफस्प्रींग का अनुवाद
संतानप्राप्ति की इच्छा रखनेवाली ब्राह्मण स्त्री होना चाहिए.
यहां लिखा है, फोर धीस जेमीनी रीलाइज़ ऑन धी कन्डक्ट ऑफ
मेन व्हु हेज़ बीलीव्ड इन वेदान्त (उसका अनुवाद कैसा उल्टा कर
दिया, यह देखीये..
अनुवाद किया है, इसीलिए जेमीनी उन लोगों के विरुद्ध है, जो
वेदांत में आस्था रखते है. 
डा. बाबासाहब अंबेडकर की किताब रीडल्स इन हिन्दुइज़म का यह अनुवाद अत्यंत क्लिष्ट, दुर्बोध है. हमारा मानना है कि बाबासाहब की किताबों का अनुवादक उनकी विचारधारा से परिचित नहीं है तो अनुवाद ठीक तरह से हो नहीं सकता. अनुवाद वाकइ में एक कठीन कला है. हमने यह भी देखा कि गुजरात में जिन्हो ने रीडल्स ऑफ हिन्दुइज़म का गुजराती अनुवाद किया उन्होने भी हिन्दी अनुवाद का सहारा लिया था और वह सारी गलतियां दोहराई थी, जो हिन्दी अनुवादक ने की थी. हमने जब गुजराती अनुवादों के वेटिंग का कार्य किया तब यह बात हमारे ध्यान पर आई थी. 

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