शुक्रवार, 21 दिसंबर 2012

शुरूआत हरियाणा से करें

हम अक्षय ठाकुर और उसके दरिंदे साथियों के शुक्रगुजार है कि उन्हो ने वह दुष्कर्म इस देश की पाटनगरी में किया जो दुष्कर्म उनके पुरखें हजारों सालों से इस देश की दलित-आदिवासी-मूल निवासी औरतों के साथ गांवों में करते आये हैं. और इस देश की सुष्माओं को आंदोलित किया और कहने पर मजबूर किया कि बलात्कारियों को फांसी की सजा दी जाय. तो शुरुआत हरियाणा से करते हैं. आप की क्या राय है?

2 टिप्‍पणियां:

  1. योंन उत्पीडन से महाभयंकर समाश्या गरीबों की है. भारतं में योंन उत्पीडन के शिकार कम है और गरीबी के शिकार ज्यादा है. योंन उत्पीडन तो केवल महिलानों का हो रहा है लेकिन गरीबी से तो हर दिन भारत के ९० करोड़ लोगों का हो रहा है. कोनसी समाश्या ज्यादा महत्वपूर्ण है? जो समस्या अब केवल समीर (दिल्लीवाले)महिलाओ की उठी तो पिछड़े जातियों के अमीर लोग भी उनके हाँ में हाँ मिलाते है? क्या गरीब हजारों सालों से जो लाचार, भूखा और नंगा जीवन गरीबी के कारण जी रहे है इतनाही नही तो अपनी इज्जत बेचकर अपना परिवार पाल रही है. कुछ लोगोंने तो आंबेडकर साहब का बुद्ध धम्म भी छोड़कर अन्य धर्मो में धर्मान्तरित हो रहे है. जिसका कारण गरीबी रहा है. क्या जो लोग गरीबों को हमेशा गरीबी में रहने को मजबूर करते हे तथा उनके गरीब होने का कोई दर्द महसूस नही करते वे सच्चे इमानदार अम्बेडकरी है? जो बुद्धिमान अम्बेडकरी है वे अपने उद्धेश से नही कतराते उन्हें यह यह्सास होता है की कोनसा कार्य बहुजनो के हितो में और सुखो में है उसी पर कार्य करते है. जो अम्बेडकरी योंन उत्पीडन की समश्याओ को महान समस्या समजते है और उसका उन्मूलन चाहते है तो रोठी के लिए जो खुलेआम अपनी इज्जत बेच रहे है उनके हितो में कार्य कोनसा कर रहे है? जो की उन्हें किसी के सामने अपनी इज्जत बेचने की नौबत नही आए. बलात्कार बहुत कम होते है तथा इज्जत क्या ब्यापार ज्यादा चालू है. कोण लोग है जो अपने हवस को बुझाने के लिए दूसरों के बहुबेटियों इज्जत खरीदी करते है? वे लोग धनवान है. जो हरदिन गरीबी से जो महिलाए परेशान है उन्हें तलास करते है और उनके मर्जी से योंन उत्पीडन का शिकार होते है. आम्बेडकर वाद ही ऐसा वाद/ विचार है जो सभी भारतीय/ विश्व समश्याओं का समाधान कर सकता है. मुख्य समश्याओ लोगों का द्यान फालतू मुदों पर खींचने के लिए यह बामसेफ/बीएसपी के लोगों का फालतू कार्यक्रम है.

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