कहीं बाबासाहब की प्रतिमा को कोई जूते का हार पहेनाता है तो हम भडक उठते है. सडकों पर आ जाते हैं, मरने मारने पर उतारु हो जाते हैं. यहां एक बेमिशाल, ऐतिहासिक किताब का पूरा हार्द खत्म करने की साजिश रची गई और हम चूप बैठे है. यह कैसी अंबेडकर-भक्ति है?
महाराष्ट्र सरकार ने 1987 में प्रगट किया बाबासाहब का अंग्रेजी में वोल्युम, जिसने राम-कृष्ण की काल्पनिक कहानियों का सत्य लोगों के सामने रखा |
यहां लिखा है, फोर धीस जेमीनी रीलाइज़ ऑन धी कन्डक्ट ऑफ मेन व्हु हेज़ बीलीव्ड इन वेदान्त (उसका अनुवाद कैसा उल्टा कर दिया, यह देखीये.. |
अनुवाद किया है, इसीलिए जेमीनी उन लोगों के विरुद्ध है, जो वेदांत में आस्था रखते है. |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें